ग्राम पंचायत हरद बना बंधक आवागमन हुआ दूभर

देश की स्वतंत्रता का यह कैसा अमृत काल


कोतमा पुनीत कुमार सेन। मोजर बेयर पावर प्लांट के फ्लाई ऐश की ढुलाई में लगे एचआरसी ट्रांसपोर्ट कंपनी के ओवरलोडेड ट्रैकों के कारण ग्राम पंचायत हरद के ग्रामवासी गांव के भीतर बंधक से बन गए हैं। ग्राम पंचायत के सरपंच ने बताया कि हमारे गांव से मुख्य मार्ग बदरा पहुंचने के लिए मुख्य रूप से एक यही सड़क है जो कि इन दोनों ओवरलोडेड ट्रैकों के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है दूसरा रास्ता दुर्वासिन तितली पौड़ी होकर जमुना उसके बाद बदरा  में रोड पहुंच मार्ग है  है वह लगभग 15 से 20 किलोमीटर घूम कर जाना पड़ता है। ग्राम वासियों ने ट्रांसपोर्ट कंपनी को कई बार सड़क में गिट्टी या फ्लाई ऐश ही डालने के लिए कहा गया किंतु उसे केवल अपने काम से मतलब होता है । जबकि ग्राम वासियों ने विरोध स्वरूप पूरे सड़क में धान की रोपाई किये।
      जिला प्रशासन को भी इस परेशानी से अवगत कराया जा चुका है किंतु अभी तक प्रशासन द्वारा कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया । 

ग्राम वासियों ने सदैव किया सहयोग

 ग्राम पंचायत हरद आदिवासी बाहुल्य पंचायत है । इस पंचायत में अधिकतर आदिवासी समुदाय के लोग आदिकाल से निवास करते चले जा रहे हैं ग्राम वासियों ने बताया कि देश के विकास में हमारे ग्राम पंचायत का का योगदान किसी से छुपा नहीं सबसे पहले ओपन कास्ट चलाने के लिए हम लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई उसके बाद ओपन कॉस्ट माइंस के हैवी ब्लास्टिंग के चलते हम सब के घर क्षतिग्रस्त हुए किंतु बाद देश के विकास की थी हम लोगों ने सहजता भाव से उसे स्वीकार किया। अब खदान को भरने का काम चल रहा है फ्लाई ऐश के टेस्ट से पूरा गांव पूरी तरह से गर्मी के दिनों में प्रभावित रहा हमारी समस्या कोई सुनने को तैयार नहीं है। 

गांव के युवा पूरी तरह बेरोजगार

ग्राम पंचायत हरद के ग्राम वासियों ने देश के विकास के लिए अपने जल जंगल और जमीन का त्याग किया फ्लाई ऐश से होने वाले गंभीर बीमारियों को सहज भाव से स्वीकार कर रहे हैं की प्राइवेट कंपनी अगर हमारे क्षेत्र में काम करेगी तो कंपनी एक्ट के तहत 70%  स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा किंतु एचआरसी कंपनी यहां स्थानीय लोगों को उपेक्षित रखा।

 इनका कहना है कि

फ्लाई ऐश के ऊपर कंपनी और कालरी के अनुबंध के अनुसार 30 एम् एम मिट्टी डाली जा चुकी है। 

 उमेश मिश्रा 
ओवरमैन 
हरद ओसिएम