नहीं थम रहा खाकी  वर्दी का आतंक

रात की गस्ती में रक्षक बना भक्षक

कोतवाली एवं झींकबिजुरी के बाद अब आई जयसिंहनगर थाने की बारी

मोहम्मद हसन खान
9425931126

शहडोल(जयसिंहनगर)। इन दोनों आए दिन खाकी वर्दी के नए-नए करना में देखने व सुनने को मिल रहे हैं ऐसा लगता है कि मानो रक्षक ही अब भक्षक बन गए हैं।
वर्दी के पीछे इंसानियत और नैतिकता को तार-तार करने वाले भेड़िए ही पुलिस में भर्ती हो रहे हैं।
जनता की सेवा व राष्ट्र सेवा के लिए जिस वर्दी को इन लोगों ने पहन रखा है । उसका इन दिनों यह भरपूर दुरुपयोग कर रहे हैं।
जिसका कारण समझ के पार है क्या कोई राजनीतिक संरक्षण या फिर पुलिस का ठप्पा इनके सिर चढ़ गया है।

*अब मामला विस्तार से*

दरअसल मामला जयसिंहनगर थाने का है। जहां पर प्रार्थी राजेश गुप्ता पिता स्वर्गीय नंदलाल गुप्ता निवासी बस स्टैंड के द्वारा पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की शिकायत करते हुए बताया गया कि ।विगत 4 दिवस पूर्व  05. अगस्त 2024 को रात्री लगभग 12:30 बजे मैं अपने घर के छत पर सो रहा था। तभी वहां मैंने दो लड़को की चिल्लाने की आवाज सुनी जब मैंने बाहर देखा तो जयसिंहनगर थाने की गाड़ी बस स्टैण्ड पर खाड़ी थी। और थाने में पदस्थ आरक्षक रोहित यादव उन दोनों लड़को के साथ मारपीट कर रहा था। जिसको मारपीट करता देख मैंने अपने मोबाइल से रोहित यादव की वीडियो बना ली. तभी आरक्षक रोहित यादव के द्वारा मुझे देखकर अपने पास बुलाया। और मेरा मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट करते हुए मुझे गंदी-गंदी गाली देने लगा, और मेरे साथ मारपीट करते हुए मुझे थाना की गाड़ी में बैठा लिया और गाड़ी में पुनः मेरे साथ मारपीट की. इसके बाद रात भर मुझे जयसिंहनगर थाने में बैठा लिया गया। और मुझे धमकी देने लगे की तुझे धारा लगवाकर जेल में सडा दूंगा। रात के 10 बजे के बाद तू मुझे दिखना नहीं। पूरी रात थाने में बैठाने के बाद मेरा भाई जब मुझे थाने में लेने आया तो मेरे भाई से आरक्षक रोहित यादव एवं अन्य के द्वारा मेरे भाई से मुझे छोड़ने के लिए 1500 रूपये की रिस्वत ली गयी। इतना ही नहीं इसके बाद कोरे कागज में प्रार्थी के दस्तक लेकर उसमें यह लिखवाया गया की कोई मारपीट नहीं हुई है मानसिक रूप से प्रताड़ित कर जबरन झूठ कथन लिखा गया। जिसकी पुष्टि प्रार्थी ने हमसे साझा की है।
इस पूरे मामले में प्रार्थी के द्वारा पुलिस अधीक्षक से न्याय की मांग की गई है।

*पूर्व में भी हुई थी आरक्षक के खिलाफ शिकायत*

हालांकि यह कोई नया मामला नहीं इसके पूर्व भी आरक्षक रोहित यादव एवं नीरज शुक्ला के खिलाफ देवड़ा रोड निवासी जयसिंहनगर शाहबाज आलम शाह के द्वारा मारपीट की शिकायत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से की गई थी इसके बावजूद भी आज दिनांक तक कुछ मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते आरक्षकों के हौसले बुलंद है इसलिए इन्होंने दोबारा इस प्रकार के कृत्य की पुर्नवृत्ति की।

*क्या होगी कार्यवाही*

पर सवाल यह उठता है कि एक आरक्षक इस प्रकार किसी भी व्यक्ति को थाने में रात भर बैठाकर रख सकता है एवं उसके साथ मारपीट की जाती है फिर उससे रिश्वत भी ली जाती है   यह सब नियम कानून में कहां लिखा हुआ है।
हाल ही में कोतवाली शहडोल और झींकबिजुरी थाने में पदस्थ आरक्षकों के विरुद्ध  पुलिस कप्तान के द्वारा कार्रवाई की गई है।
तो क्या यह मान लिया जाए कि अब जयसिंहनगर थाने की बारी है।

*जिम्मेदारों की ऐसी प्रतिक्रिया*

जब इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से बात करनी चाहिए तो लगातार दो बार फोन लगाने के बावजूद भी फोन नहीं उठाया गया।

कुमार प्रतीक
पुलिस अधीक्षक, शहडोल

नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है कोई मारपीट नहीं हुई है। जबरदस्ती कोई बोलेगा तो उसका मुंह तो बंद नहीं कर पाएंगे।

सत्येंद्र चतुर्वेदी
(थाना प्रभारी) थाना जयसिंहनगर जिला,शहडोल