नर्मदा खतरे से ऊपर बह रही, सामान्य जलस्तर से 4 फीट ऊपर बह रही नर्मदा नदी, निचले इलाकों में अलर्ट, शहडोल रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म तक भरा पानी
बरगी बांध के 9 गेट खुले
- शिवपुरी, मंडला में बाढ़, घरों-दुकानों में घुसा पानी, सडक़ें बही, पुल टूटने से कई रास्ते बंद
-कटनी में सरस्वाही नदी उफान पर, कई गांवों का संपर्क टूटा, स्लीमनाबाद में 16 इंच से ज्यादा बारिश
भोपाल/जबलपुर। बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से मध्यप्रदेश में बाढ़ के हालात हैं। जबलपुर में बरगी डैम के 9 गेट खोल दिए गए हैं। इसे लेकर जिला प्रशासन और बरगी बांध प्रबंधन ने नर्मदा नदी के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। शहडोल रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म तक पानी भर गया है। रेलवे ट्रैक पूरी तरह से डूब गया है। मंडला और डिंडौरी जिलों में हो रही तेज बारिश के चलते इन दिनों नर्मदा नदी उफान पर है। अपस्ट्रीम में नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बरगी बांध में पानी की आवक भी तेजी से हो रही है। जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध प्रबंधन ने पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। शिवपुरी और मंडला जिलों में बीते 24 घंटों से हो रही तेज बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शिवपुरी के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए, घरों और खेतों में पानी घुस गया। वहीं मंडला में भी नदी-नाले उफान पर हैं, सडक़ें और पुल बहने से आवाजाही ठप हो गई है।
नर्मदापुरम में बारिश का दौर जारी है। नरसिंहपुर जबलपुर मंडला क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश की वजह से नर्मदा नदी में तीन से चार फीट पानी बढ़ गया है। नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा नदी सामान्य जलस्तर से 4 फीट ऊपर बह रही है। आज जिले में मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। बरगी डैम से 5,000 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। इससे नर्मदा नदी का जलस्तर 4 से 5 फीट तक बढ़ सकता है। इस वजह से जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन, धार, बड़वानी और अलीराजपुर जैसे जिलों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। प्रशासन ने लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी है। जबलपुर के बरगी डैम के गेट इस साल 23 दिन पहले ही 9 गेट खोलने पड़े। रविवार को दोपहर 12 बजे बरगी डैम से पानी छोड़ा गया। डेम के गेट खोले जाने को लेकर जिला प्रशासन और बरगी बांध प्रबंधन ने नर्मदा नदी के निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है। दरअसल, मंडला और डिंडौरी जिलों में हो रही तेज बारिश के चलते इन दिनों नर्मदा नदी उफान पर है। अपस्ट्रीम में नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बरगी बांध में पानी की आवक भी तेजी से हो रही है। जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बांध प्रबंधन ने पानी छोडऩे का निर्णय लिया है। कटनी में साउथ रेलवे स्टेशन के रास्ते पर तीन फीट तक पानी भरा हुआ है। आर्डिनेंस फैक्ट्रीकर्मियों को लंबा फेरा लगाना पड़ रहा है। कुछ कर्मचारी पानी में से ही निकल रहे हैं। शहडोल जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड समेत तीन वार्डों में पानी भर गया है। जिले में 36 घंटे से लगातार तेज बारिश हो रही है। शहडोल से छत्तीसगढ़ जाने वाला रायपुर-पड़रिया मार्ग बंद हो गया है। यहां पोंडा नाला उफान पर है। नाले में कार बह गई। स्थानीय लोगों ने पानी में कूद कर कार सवारों की जान बचाई। शहडोल रेलवे पुलिस स्टेशन में पानी भर गया। थाने में रखे दस्तावेज, कम्प्यूटर, रिकॉर्ड फाइलें और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नुकसान पहुंचा है। पुलिसकर्मी बाल्टी से पानी निकाल रहे हैं।
जोहिला के 4, और सतपुड़ा डैम का एक गेट खोला
उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के रविवार दोपहर को 4 गेट खोल दिए गए। इससे पहले एक गेट से पानी छोड़ा जा रहा था। उमरिया के बिरसिंहपुर पाली में बारिश में सडक़ों पर पानी भरने लगा है। उधर, बैतूल में सतपुड़ा बांध का एक गेट सुबह साढ़े 5 बजे तक खुला रहा, जिसे बाद में बंद कर दिया गया। नर्मदापुरम के इटारसी और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बारिश का दौर जारी है। तवा डैम के एसडीओ एन के सूर्यवंशी ने बताया, डैम का जलस्तर अभी 1125.60 फीट है।
मड़ीखेड़ा और मोहिनी सागर बांध के गेट खुले
नदियों और नालों में जलस्तर बढऩे से शिवपुरी जिले के मड़ीखेड़ा और मोहिनी सागर बांध में पानी की आवक तेज हो गई है। जलस्तर बढऩे के कारण दोनों बांधों के गेट खोलकर करीब 951 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे सिंध नदी उफान पर आ गई है। सिंध नदी का जलस्तर बढऩे से सेवढ़ा कस्बे में स्थित पुल पर पानी आ गया है। नदी पुल के ऊपर से बह रही है, जिससे सेवढ़ा-भिंड मार्ग पूरी तरह ठप्प हो गया है। भिंड, सेवढ़ा और आसपास के दर्जनों गांवों का आपसी संपर्क टूट गया है। कटनी जिले में पिछले दो दिनों से जारी भारी बारिश के कारण सरस्वाही नदी उफान पर है। एनकेजे थाना क्षेत्र में नदी का पानी पुल के ऊपर से बह रहा है। इससे सरस्वाही, खेरवा और आसपास के कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन के लिए उफनती नदी को पार करना पड़ रहा है। पुल की कम ऊंचाई के कारण बारिश के मौसम में यह समस्या हर साल आती है।