भाजपा की नीति बहुजन विरोधी है: कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा का आरोप
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार पर बहुजन समाज (ओबीसी, एससी, एसटी) के प्रति सुनियोजित और भेदभावपूर्ण रणनीति अपनाने का आरोप लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के आरक्षित पद बड़ी संख्या में खाली पड़े हैं, लेकिन केंद्र सरकार इन्हें भरने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है। कांग्रेस नेता सैलजा ने प्रशासनिक लापरवाही और गहरी साजिश बताया, जिसका मकसद बहुजन समाज को शिक्षा से वंचित करना है।
कुमारी सैलजा ने बताया कि प्रोफेसर पदों पर ओबीसी वर्ग के 80 प्रतिशत, एससी वर्ग के 83 प्रतिशत और एसटी वर्ग के 64 प्रतिशत पद खाली हैं। इस तरह, एसोसिएट प्रोफेसर के पदों पर भी ओबीसी वर्ग के 69 प्रतिशत और एसटी वर्ग के 51 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। उन्होंने नॉट फाइंड सूटेबल जैसे तर्कों को झूठा बहाना करार दिया और भाजपा की बहुजन-विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताया।
सैलजा ने आरोप लगाया कि केंद्र न केवल आरक्षण व्यवस्था को कमजोर कर रही है, बल्कि समाज में यह सोच भी स्थापित करने की कोशिश कर रही है कि बहुजन समाज इन पदों के योग्य ही नहीं है।कांग्रेस की मांग और कांग्रेस पार्टी ने इस सोच का पुरजोर विरोध करते हुए सभी रिक्त आरक्षित पदों को बिना किसी देरी के तुरंत भरने की मांग की है। सैलजा ने चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया, तब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में सड़क से संसद तक जन आंदोलन चलाया जाएगा।
इतना ही नहीं कुमारी सैलजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके हर वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने के वादे पर भी सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि यदि यह वादा निभाया गया होता, तब अब तक 22 करोड़ युवाओं को रोजगार मिल गया होता। सैलजा ने आरोप लगाया कि यह वादा खोखला साबित हुआ है और केंद्र सरकार ने बैकलॉग की नियुक्तियों को भी जानबूझकर टालकर बहुजन समाज के युवाओं के भविष्य से विश्वासघात किया है। कांग्रेस ने सरकार से सबसे पहले बैकलॉग को पूरा करने और रोजगार का वादा निभाने की मांग की, अन्यथा जनता आने वाले चुनावों में इसका जवाब देगी।