जीसीएफ सतपुला हॉस्पिटल का मामला, चिकित्सक पर मनमानी का आरोप
जबलपुर। जीसीएफ सतपुला हॉस्पिटल में पदस्थ एक चिकित्सक पर गंभीर मरीजों के इलाज में लापरवाही, रैफर न करने एवं उनका मजाक उड़ाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में कर्मचारी संगठन द्वारा प्रबंधन के साथ ही हॉस्पिटल की सीनियर सीएमओ से भी शिकायत की गई हैं। मजदूर संघ हथौड़ा द्वारा दी गई शिकायत में यह बताया गया कि निर्माणी के कर्मचारी एवं उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सुविधा हेतु जीसीएफ अस्पताल में इलाज किया जाता है। अगर किसी बीमार व्यक्ति को आकस्मिक इलाज की जरूरत हो और सतपुला अस्पताल में इलाज संभव न हो तो या बीमार व्यक्ति किसी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना चाहता है तो डॉक्टर द्वारा रैफर किया जाता है लेकिन काफी दिनों से यह शिकायत आ रहा था कि कथित तोर पर ओपीडी में बैठने वाले सीएमओ डॉ. गुप्ता द्वारा आकस्मिक इलाज की आवश्यकता वाले बीमार व्यक्तियों को रैफर नहीं किया जा रहा है। यही नहीं उनके द्वारा मरीज के परिजनों के साथ कथित तौर पर अभद्र व्यवहार एवं मजाकिया टिप्पणी उनके व्यवहार में शुमार हैं। मजदूर संघ हथोड़ा की कार्य समिति सचिव राजा पांडे द्वारा निरीक्षण करने पर यह पाया गया कि एक गर्भवती महिला जिसका की आकस्मिक इलाज होना था उन्हें रैफर न करते हुए अगले शुक्रवार को आने के लिए कहा गया पीडि़त महिला द्वारा यह कहा जा रहा है कि उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है लेकिन कथित तौर पर डॉ. गुप्ता यह कहकर रैफर करने से इंकार कर सीट से उठकर चल दिए, कि वे रैफर करने के लिए नहीं बैठे। सचिव श्री पांडे द्वारा मामले में सीनियर सीएमओ डॉ. मंजुनाथ को वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया और उन्हें हिदायत दी गई कि ऐसी स्थिति में मजदूर संघ हथोड़ा उग्र आंदोलन करेगी। इसके पश्चात डॉ. मंजुनाथ द्वारा स्वयं गर्भवती महिला को रैफर किया गया। सीएमओ गुप्ता द्वारा अपने सीट पर ना बैठना मरीज के साथ दुर्व्यव्यवहार करने जैसी कई शिकायतें पीडि़त मरीजों एवं उनके परिजनों द्वारा की गई है। जिस पर संगठन ने इसे नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए संगठन के सचिव से निरीक्षण कराया गया जिसमें आरोपों में सत्यता पाई गई। संघ ने सीनियर सीएमओ से मांग की है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होती है तो यूनियन पीडि़तों के साथ आंदोलन करने विवश होगी।