एमपी में विकास दर 16.43 के पार, शिवराज के राज में
मध्य प्रदेश तरक्की के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2022 में राज्य ने सबसे अधिक रिकार्ड 16.43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, परंतु पिछले 3 महीने के अंतराल में हुई प्रगति समीक्षा रिपोर्ट के अंतर्गत यह आंकड़ा अब 17.3 पर पहुंच गया है । मध्यप्रदेश विधानसभा में पेश की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार राज्य में बीते दो सालों में रोजगार के अवसरों का तेजी से सृजन हुआ है, राज्य में निवेश बढ़ा है, साथ ही कृषि और कृषि कार्यों से जुड़े कारोबार ने आर्थिक विकास की रफ्तार को कई गुना बढ़ा दिया है।
मध्यप्रदेश के बजट सत्र में प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने मध्यप्रदेश के विकास को प्रमाणित कर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कारगर नीतियों के सकारात्मक परिणाम देखे गए। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में कर संग्रह में बढ़ोत्तरी हुई जिससे राज्य सरकार के राजस्व में 16.43 प्रतिशत इजाफा देखा गया है। वर्ष 2001-02 में राज्य की विकास दर 4.43 प्रतिशत से अधिक नहीं देखी गई थी। बीते वर्ष में राज्य में सकल घरेलू उत्पाद 71,594 करोड़ से बढ़कर 13,22,000 करोड़ रुपए हो गया। आत्म निर्भर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य में उद्यमिता के अनुकूल परिस्थितयां तैयार की गईं, जिसका सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। राज्य में वर्ष 2001-02 में इंडस्ट्रीयल विकास -0.61 प्रतिशत था, जो वर्ष 2022 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में 24 प्रतिशत बढ़ गई। राज्य सरकार की कारगर नीतियों की वजह से नौकरी ढूंढने वालों, रोजगार और उद्यम शुरू करने वाले युवाओं को स्टार्ट अप के लिए वित्त दिया जा रहा है। राज्य में आजीविका का साधन अभी भी कृषि को ही माना जाता है, एग्री इकानॉमी का मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है। कृषि सुधार और उन्नत तकनीक से किसानों ने नवाचार कर न सिर्फ आजीविका को बेहतर किया बल्कि राज्य की आर्थिक विकास दर बेहतर करने के भी सहभागी बने। विकास योजनाओं ने राज्य को तरक्की का अग्रदूत बना दिया। निश्चित रूप से आर्थिक विकास दर की बेहतर स्थिति राज्य के चुनावी नतीजों पर भी असर डालेगी। शिवराज सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ाने में यह रिपोर्ट कारगर साबित हो सकती है।