"सिंधिया पर सवाल उठाना पड़ा भारी, भाजपा विधायक की धमकी चर्चा में"
अशोकनगर । अशोकनगर जिले के चंदेरी से भाजपा विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधायक रघुवंशी कथित तौर पर वीडियो कॉल पर किसी व्यक्ति से बात करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसमें वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बोलने वालों की 'जुबान काटने' की धमकी देते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो उस समय सामने आया है, जब हाल ही में ग्राम पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की बैठक के दौरान जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन द्वारा जनप्रतिनिधियों के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणी को लेकर विवाद चल रहा है। बताया जा रहा है कि इसी विवाद के संदर्भ में विधायक ने जुबान काटने की धमकी दी है।
बैठक में सीईओ की टिप्पणी बनी विवाद की जड़
जानकारी के अनुसार, सोमवार को ईसागढ़ जनपद पंचायत में सचिवों और रोजगार सहायकों की बैठक चल रही थी। इस दौरान जनपद सीईओ के पास जिला पंचायत सीईओ राजेश जैन का कॉल आया, इस दौरान कॉल को स्पीकर पर रखकर सांसद-विधायकों के खिलाफ अपमानजनक शब्द कहे। पंचायत सचिवों का आरोप है कि जैन ने फोन पर सचिवों को अपमानजनक भाषा में जूते मारने की धमकी दी, कहा- इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किसके आदमी हैं। इससे गुस्साए सचिवों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया था।
मुख्यमंत्री को सौंपा शिकायत पत्र
इस मामले को लेकर चंदेरी विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की और उन्हें एक लिखित शिकायत सौंपी। पत्र में विधायक ने आरोप लगाया कि समीक्षा बैठक के दौरान महिला अधिकारियों की उपस्थिति में जिला पंचायत सीईओ ने सचिवों और रोजगार सहायकों के प्रति गाली-गलौच और अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो न केवल प्रशासनिक मर्यादा के विरुद्ध है, बल्कि महिला कर्मचारियों की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। विधायक ने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर दोषी अधिकारी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए।
वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद
वहीं, इस पूरे मामले के बीच विधायक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे कथित तौर पर सिंधिया के खिलाफ बोलने वालों की "जुबान काटने" की बात करते दिख रहे हैं। यह वीडियो अब राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में नई बहस का कारण बन गया है। फिलहाल, इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।