निरंतर मजबूत हुई मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति ।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार के दौरान अर्थात लगभग 18 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह हुआ करते थे, उस दौर में प्रदेश विकासशील रफ्तार में टॉप 20 में हुआ करता था। सड़क बिजली एवं पानी की स्थितियों में मध्य प्रदेश का स्थान टॉप 30 में आता था। लेकिन मध्य प्रदेश ने विकास की जिस रफ्तार को पकड़ा है, उस रफ्तार ने प्रदेश को कृषि उत्पादन में पहले स्थान पर पहुंचा दिया है। सड़क, बिजली, पानी में मध्य प्रदेश टॉप टेन में आता है। मध्य प्रदेश ने पिछले 18 वर्षों के अंदर जिस तरह से जीडीपी ग्रोथ के अंतर्गत ऐतिहासिक प्रतिशत हासिल किया है, उसी क्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर में आयोजित एक सभा के दौरान मध्य प्रदेश के विकास को लेकर गारंटी देते हुए कहा कि जल्द ही मध्य प्रदेश टॉप 3 प्रदेशों में से एक होगा।
बीमारू राज्य के बाद टॉप 3 में होगा मध्य प्रदेश - नरेंद्र मोदी ।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर में कहा कि हमारी सरकार एमपी को बीमारू राज्य से निकालकर टॉप टेन राज्यों में लेकर लाई है। यहां से हमारा लक्ष्य मध्य प्रदेश को देश के टॉप तीन राज्यों में ले जाने का है। बड़े गर्व के साथ हमें टॉप तीन में पहुंचना है। उन्होंने पूछा कि ये काम कौन कर सकता है? ये गारंटी कौन दे सकता है? पीएम मोदी ने कहा कि ये गारंटी एक जिम्मेदारी नागरिक के नाते आपकी है। आपका एक वोट एमपी को नंबर थ्री पर ले जाएगा। डबल इंजन पर दिया आपका हर वोट एमपी को टॉप थ्री में ले जाएगा।
2021 में देश में चौथे स्थान पर रहा जीडीपी ग्रेड में मध्य प्रदेश ।
जीडीपी ग्रोथ के मामले में कर्नाटक दूसरे नंबर पर रहा। इसकी अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2012 में 6.06 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 7.3 प्रतिशत सीएजीआर के साथ 11.44 लाख करोड़ हो गई और कर्नाटक दूसरी सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था बन गया। वित्त वर्ष 2012 में हरियाणा राज्य की जीएसडीपी 2.97 लाख करोड़ थी, लेकिन वित्त वर्ष 2021 में हरियाणा 5.36 लाख करोड़ की जीएसडीपी के साथ तीसरे स्थान पर रहा। राज्य की अर्थव्यवस्था में साल दर साल 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दूसरी ओर, 6.7 प्रतिशत सीएजीआर के साथ मध्य प्रदेश सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों की सूची में चौथे स्थान पर है। राज्य की जीडीपी वित्त वर्ष 2012 में 3.16 लाख करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2021 में 5.65 लाख करोड़ हो गई। एमपी के बाद आंध्र प्रदेश है, जिसने वित्त वर्ष 2021 में 6.5 प्रतिशत की वार्षिक जीएसडीपी वृद्धि दर दर्ज की, जबकि वित्त वर्ष 2012 में यह 3.79 लाख करोड़ रुपये थी। आंध्र प्रदेश राज्य की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी थी।
विश्व की आर्थिक व्यवस्था में हिंदुस्तान पहुंचा पांचवें स्थान पर ।
मध्य प्रदेश की आर्थिक विकास की रफ्तार को देखें तो मध्य प्रदेश वर्ष 2023 में टॉप 10 में दिखाई देता है एवं जीडीपी में भी ऐतिहासिक परिवर्तन करते हुए पांचवे नंबर पर स्थापित है। वहीं दूसरी और वर्तमान स्थिति में वर्ष 2023 के अंतर्गत देश की स्थिति भी आर्थिक व्यवस्था की दृष्टि से पांचवें नंबर पर पहुंच चुकी है ।
वैश्विक इकोनॉमी में भारत का स्थान पांचवा है। भारत से पहले अमेरिका, चीन जापान और जर्मनी के नाम है। दुनिया का सबसे धनवान देश अमेरिका है और इसकी जीडीपी 25.035 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर है। दूसरे स्थान पर चीन है जिसकी जीडीपी का साइज 18.321 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसके बाद जापान का नाम आता है जिसका जीडीपी साइज 4.301 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है और जर्मनी की जीडीपी 4.031 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ गई है। भारत की जीडीपी का साइज आज बढ़कर 3.469 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर पर आ गया है।
निरंतर मजबूत हुई मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति ।
आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के आँकड़े बताते हैं बेहतर वित्तीय प्रबंधन
मध्यप्रदेश अनुशासन, सर्व समावेशी विकास और कर- संग्रहण में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदेश का वित्तीय प्रबंधन अच्छा है। प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि हुई है। 2022-23 के ऊपर प्रकाश डालें तो स्पष्ट होगा कि आर्थिक और वित्तीय दृष्टि से मध्यप्रदेश में हर क्षेत्र में प्रगति है। राजस्व संग्रहण भी बढ़ा है। पूँजीगत व्यय में भी वृद्धि हुई है। प्रदेश की औद्योगिक विकास दर भी बढ़ी है। प्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2022-23 में 16.43 प्रतिशत है। इसके पहले 2021-22 में कोविड की परिस्थतियों के बावजूद यह वृद्धि दर 18.02 प्रतिशत थी। वर्ष 2001-02 में यह मात्र 4.43 प्रतिशत थी। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रूपए होने का अनुमान है। यह वर्ष 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़ रूपए था। इस प्रकार सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में तब और अब में 18 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है।